उदर विकार के सामान्य कारण
निम्नलिखित उदर विकार के सबसे सामान्य कारण हैं
- मूत्र पथ में बैक्टीरिया संक्रमण
- मूत्राशय की संक्रमण
- मूत्रवाहक और गुर्दे के बीच आसामान्य संबंध
- रेट्रोपेरिटोनियल फाइब्रोसिस
- ureteral पत्थर
- गंभीर कब्ज
उदर विकार के अन्य कारण
उदर विकार के कम सामान्य कारण निम्नलिखित हैं
- कैंसर ट्यूमर
- गैर कैंसरग्रस्त ट्यूमर
- आंतरिक ऊतक वृद्धि
- मूत्रवाहक की दीवार के दीर्घकालिक सूजन
उदर विकार के जोखिम कारक
निम्नलिखित कारकों में उदर विकार की संभावना बढ़ सकती है:
- महिला शरीर रचना
- जन्म नियंत्रण की गोलियां उपयोग करें
- रजोनिवृत्ति
- मूत्र पथ असामान्यताएं
- मूत्र पथ में रुकावटें
- कैथेटर का इस्तेमाल
- उदर विकार से निवारण
उदरामतृ रस एक पर्णू रूप से शगुर फ्री हाजमा ,गैस , एसि डि टी ,बदहजमी की समस्या को दूर कर हमारे पेट को फिट रखता है बदहजमी के कारण कभी कभी खट्टी डकार या खट्टा पानी की शिकायत हमें हो जाती हैऔर पेट में जलन की समस्या भी हमें उठानी पड़ती है ऐसे में अगर आप श्री नमो हेल्थ केयर का उदरामतृ रस का सेवन ताजा पानी के साथ करते है तो आपको बहोत ही जल्द इन सभी परेशानियों सेआराम मिलेगा |
Udramrit Rus 500ml यह दवा हमारे हाजमे के सिस्टम को ठीक करती है जिससे पेट का भारीपन भूंख कम लगना पेट न साफ़ होना जैसी समस्या समाप्त हो जाती हैऔर हम अपनेआपको काफी हल्का महससू करते है | जिससे हमारे सरीर में फुर्ती का एहसास भी महससू होता है | कई बार हम खाना भी नहीं अधिक खा पाते पेट हमेशा भरा सा महससू होता है या फिर गैस अधिक बनने की वजह से घबराहट या जी मिचलाना चक्कर आना जैसी परेशानी का भी सामना करना पड़ता है|
अगर आपको इन सभी में से किसी तरह की परेशानी होती है तो उदरामृत रस को १५-२० मि . ली. ताजे पानी से लें
यह दवा आपको जल्द ही आराम दिलाएगी आपके हाजमे के सिस्टम को ठीक करेगी गैस की समस्या से राहत
दिलाएगी पाचन क्रिया को सुचारू करेगी |
यह दवा हमारेघर में इस्तेमाल होने वाले मसालों तथा जड़ी बूटियों का इस्तेमाल करके तैयार की गयी है यह हमारे पेट के लिए अम्रित का काम करती है और हमारे इम्युनिटी सिस्टम को भी बढाती हैऔर हमें फि ट बनाती है|
सेवन विधि –
इस दवा को १०-२० मि . ली. आधा कप ताजा पानी के साथ खाना खाने के ३० मिनट के बाद सबु ह शाम दिन में दो बार लेना चाहिए जिससे ये अपना काम सही तरीके से कर सके |
घटक – { पर १० मि . ली. मात्रा }
- अजवाइन – १५० मि . ली. ग्राम
- सोंठ – १८० मि . ली. ग्राम
- आमला – २५० मि . ली. ग्राम
- तलु सी – १२० मि . ली. ग्राम
- सेंधा नमक -२० मि . ली. ग्राम
- हींग – २०० मि . ली. ग्राम
- भूमि अमला – १०० मि . ली. ग्राम
- धनिया – १५० मि . ली. ग्राम
- तेज पत्ता – १०० मि . ली. ग्राम