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करेला जामुन रस with [नीम और गूलर ] – { ५०० मि . ली. }

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Herbale Sugar Medicine

Diabetes Controller

 

डायबिटीज, जिसे मधुमेह भी कहा जाता है, एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर में ब्लड शुगर (ग्लूकोज) का स्तर सामान्य से अधिक हो जाता है। ग्लूकोज शरीर को ऊर्जा प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन इसका स्तर अधिक होने पर यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। डायबिटीज के मुख्यतः तीन प्रकार होते हैं:

1. टाइप 1 डायबिटीज (Type 1 Diabetes)

  • विवरण: टाइप 1 डायबिटीज एक ऑटोइम्यून बीमारी है जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से अग्न्याशय (पैंक्रियास) में इंसुलिन बनाने वाली कोशिकाओं को नष्ट कर देती है। इंसुलिन एक हार्मोन है जो ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है।
  • लक्षण: अत्यधिक प्यास, बार-बार पेशाब आना, भूख बढ़ना, वजन कम होना, थकान, धुंधला दिखाई देना।
  • उपचार: इंसुलिन इंजेक्शन, स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम।

2. टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes)

  • विवरण: टाइप 2 डायबिटीज अधिक सामान्य प्रकार है। इसमें शरीर पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता है या इंसुलिन का सही उपयोग नहीं कर पाता (इंसुलिन प्रतिरोध)। यह अधिकतर वयस्कों में देखा जाता है, लेकिन अब यह बच्चों और किशोरों में भी बढ़ रहा है।
  • लक्षण: टाइप 1 के समान लक्षण, साथ ही धीमी गति से ठीक होने वाले घाव, त्वचा में संक्रमण, हाथ और पैर में झुनझुनी या सुन्नता।
  • उपचार: स्वस्थ आहार, वजन नियंत्रण, नियमित व्यायाम, ओरल मेडिकेशन, और गंभीर मामलों में इंसुलिन थेरेपी।

3. गेस्टेशनल डायबिटीज (Gestational Diabetes)

  • विवरण: यह प्रकार गर्भावस्था के दौरान विकसित होता है और सामान्यतः: बच्चे के जन्म के बाद समाप्त हो जाता है। हालांकि, यह माँ और बच्चे दोनों के लिए टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ा सकता है।
  • लक्षण: आमतौर पर कोई स्पष्ट लक्षण नहीं होते, लेकिन गर्भावस्था के दौरान नियमित ब्लड शुगर जांच में इसका पता चलता है।
  • उपचार: स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम, और कभी-कभी इंसुलिन थेरेपी।

डायबिटीज के सामान्य लक्षण

  • अत्यधिक प्यास लगना
  • बार-बार पेशाब आना
  • अत्यधिक भूख लगना
  • थकान
  • वजन में कमी (टाइप 1)
  • धीमी गति से ठीक होने वाले घाव
  • धुंधला दिखाई देना
  • त्वचा में संक्रमण

डायबिटीज के कारण

  • जेनेटिक कारण: परिवार में डायबिटीज का इतिहास।
  • जीवनशैली: अस्वास्थ्यकर आहार, शारीरिक निष्क्रियता, मोटापा।
  • अधिक उम्र: उम्र बढ़ने के साथ टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ता है।
  • अन्य स्वास्थ्य स्थितियाँ: उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल।

डायबिटीज का प्रबंधन

  • स्वस्थ आहार: संतुलित और पौष्टिक भोजन, शर्करा और कार्बोहाइड्रेट का नियंत्रण।
  • नियमित व्यायाम: नियमित शारीरिक गतिविधि ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करती है।
  • दवाइयां: डॉक्टर द्वारा सुझाई गई दवाइयां लेना।
  • नियमित ब्लड शुगर मॉनिटरिंग: ब्लड शुगर के स्तर को नियमित रूप से जांचना।
  • शरीर का वजन नियंत्रित रखना: स्वस्थ वजन बनाए रखना।

डायबिटीज को समय पर पहचान कर और सही ढंग से प्रबंधित करें इसके गंभीर परिणामों से बचा जा सकता है

 

यह दवा हमारे शरीर में बढ़ी हुई मधुमेह  [शगुर]  की मात्रा को कन्ट्रोल करती हैजि न लोगो का शुगर बहोत बढ़ा हुआ रहता है जिसकी वजह से उन्हें अनेक प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है जैसे कि वजन अचानक कम होना अधिक प्यास का लगना भूंख का अधिक बढ़ना , पेशाब में महक आना , दि खाई देना ,और थकान मह्शशू होना शरीर मेंसस्ुती रहना | इसके अलावा मुख  में दर्द इन्फेक्शन जैसी परेशानियाँ  होने लगती हैं| 

अगर आपका शुगर लेवल २०० मिलीग्राम / डीएल से अधिक ब्लड शुगर है तो इसे डायबिटीज माना जाता है और इस कंडीशन में हमें अपने जीवन शैली  में बदलाव के साथ दवाओं की आवश्यकता होती है|

यहाँपर आपको अपनेखानेका समय और खाये जाने वाले भोजन या पदार्थ पर विचार कर एक चार्ट बनाने की आवश्यकता है साथ ही आयर्वेुर्वेदिक दवा करेला जामनु का सेवन शरूु कर देयह आपके शरीर मेंशगु र को बढ़ने से रोकेगा खनू को साफ करेगा डाइजेशन को सही रखेगा सरीर में नए खून  को बनने में सहायता करता है| 

इसके सेवन से आंतों में होने वाली खुश्की समाप्त हो जाएगी गैस की समस्या को दूर करेगा इसमें गूलर  के होने की वजह से शुगर के मरीजों में होने वाली शुगर की  समस्या में भी आराम मिलता है| अधिकतर देखा जाता है जिसे शुगर  की प्रॉब्लम होती है उनका सेक्सुअल  लेवल डाउन हो जाता है इस कंडीशन में अगर आप हमारे प्रोडक्ट का सेवन रेगुलर करते है तो आपको यह समस्या नहीं होगी आप सामान्य लोगों की तरह जीवन जिससे  आपको कमी नहीं महसूस होगी | 

अगर आप इन्सुलिन भी ले रहे हैं तो भी कुछ समय तक लगातार श्री नमो हेल्थ केयर करेला जामुन के प्रयोग से आपका इन्सुलिन भी बंद किया जा सकता है आप इससे छुटकारा पा सकते हैं| 

सावधानियां हमें अपने शगुर लेवल को कंट्रोल मेंरखने के लि ए कुछ चीजों को अपनेखानेमेंनहींलेना चाहिए  आलू, सफेद ब्रेड , चावल , चीनी ,पास्ता , आदि अनेक शगुर वाली चीजों को हमें छोड़ना होगा | 

सेवन विधि यह दवा १५-२० मि ली खाने के लगभग ३० मिनट पहले खाली पेट आधा कप ताजे पानी के साथ सबुह – शाम दिन में दो बार नियमित लेना है| घटक – { पर २० मि ली मात्रा

  • करेला – ५ ग्राम 
  • जामुन – ६ ग्राम 
  • नीम – ३ ग्राम 
  • गलू र – ३ ग्राम 

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