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ल्यूको क्लियर सीरप २०० मिली

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परिचय

श्वेत प्रदर (ल्यूकोरिया) महिलाओं में होने वाली एक आम समस्या है, जिसमें योनि से सफेद या पीले रंग का स्राव होता है। यह समस्या हार्मोनल असंतुलन, पोषण की कमी, संक्रमण या शरीर की कमजोरी के कारण हो सकती है। आयुर्वेद में श्वेत प्रदर के लिए कई प्रभावी जड़ी-बूटियां और औषधियाँ बताई गई हैं, जो इस समस्या को जड़ से समाप्त करने में सहायक होती हैं। इनमें अशोक छाल, दशमूल, लाल चंदन, अश्वगंधा, आंवला, शतावरी, सोंठ, मुस्ता, दारुहरिद्रा, लोध्र और विभीतकी प्रमुख हैं।

ल्यूकोरिया के लिए आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ और उनके लाभ

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श्वेत प्रदर (ल्यूकोरिया) के लिए आयुर्वेदिक औषधियों का संयोजन

परिचय

श्वेत प्रदर (ल्यूकोरिया) महिलाओं में होने वाली एक आम समस्या है, जिसमें योनि से सफेद या पीले रंग का स्राव होता है। यह समस्या हार्मोनल असंतुलन, पोषण की कमी, संक्रमण या शरीर की कमजोरी के कारण हो सकती है। आयुर्वेद में श्वेत प्रदर के लिए कई प्रभावी जड़ी-बूटियां और औषधियाँ बताई गई हैं, जो इस समस्या को जड़ से समाप्त करने में सहायक होती हैं। इनमें अशोक छाल, दशमूल, लाल चंदन, अश्वगंधा, आंवला, शतावरी, सोंठ, मुस्ता, दारुहरिद्रा, लोध्र और विभीतकी प्रमुख हैं।

ल्यूकोरिया के लिए आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ और उनके लाभ

  1. अशोक छाल (Saraca indica)

महिलाओं के हार्मोनल संतुलन को बनाए रखने में सहायक।

मासिक धर्म की अनियमितता और श्वेत प्रदर की समस्या में लाभदायक।

योनि की भीतरी दीवारों को मजबूत बनाती है।

  1. दशमूल (Dashmool)

यह दस जड़ी-बूटियों का संयोजन है, जो गर्भाशय की कमजोरी को दूर करता है।

शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने और योनि संक्रमण को रोकने में सहायक।

मासिक धर्म के दर्द और सफेद पानी की समस्या में लाभदायक।

  1. लाल चंदन (Pterocarpus santalinus)

शरीर में ठंडक बनाए रखने और संक्रमण को रोकने में सहायक।

ल्यूकोरिया में अधिक स्राव को नियंत्रित करने में मदद करता है।

शरीर को आंतरिक रूप से शुद्ध करता है।

  1. अश्वगंधा (Withania somnifera)

शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।

कमजोरी और थकान को दूर करता है, जिससे ल्यूकोरिया में सुधार होता है।

प्रजनन स्वास्थ्य को मजबूत बनाता है।

  1. आंवला (Emblica officinalis)

आयुर्वेद का प्रमुख रसायन, जो महिलाओं की संपूर्ण स्वास्थ्य वृद्धि करता है।

योनि संक्रमण और सफेद पानी की समस्या को दूर करने में सहायक।

शरीर को डिटॉक्स करता है और रक्त को शुद्ध करता है।

  1. शतावरी (Asparagus racemosus)

महिला प्रजनन तंत्र को संतुलित करने वाली महत्वपूर्ण जड़ी-बूटी।

योनि की शुष्कता और सफेद पानी की समस्या को दूर करती है।

हार्मोनल असंतुलन को नियंत्रित करती है।

  1. सोंठ (Zingiber officinale)

शरीर में गर्मी उत्पन्न कर संक्रमण को खत्म करने में सहायक।

पाचन को सुधारता है और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।

योनि की गंध और जलन को कम करता है।

  1. मुस्ता (Cyperus rotundus)

पाचन क्रिया को सुधारकर शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में सहायक।

ल्यूकोरिया के कारण होने वाली कमजोरी और थकान को कम करता है।

गर्भाशय को मजबूत बनाता है।

  1. दारुहरिद्रा (Berberis aristata)

शरीर को डिटॉक्स करने और योनि संक्रमण को खत्म करने में सहायक।

श्वेत प्रदर में अधिक स्राव को नियंत्रित करता है।

एंटी-बैक्टीरियल और एंटीफंगल गुणों से भरपूर।

  1. लोध्र (Symplocos racemosa)

योनि की मांसपेशियों को मजबूत करता है और अधिक स्राव को नियंत्रित करता है।

हार्मोनल संतुलन बनाए रखने में सहायक।

योनि की झिल्ली को मजबूत बनाता है।

  1. विभीतकी (Terminalia bellerica)

योनि की जलन और संक्रमण को रोकने में सहायक।

सफेद पानी की समस्या को दूर करने में प्रभावी।

शरीर को आंतरिक रूप से शुद्ध करता है।

 

ल्यूकोरिया के लिए आयुर्वेदिक संयोजन

  1. ल्यूको क्लियर सीरप 

सामग्री:

अशोक छाल – १२०० मिलीग्राम

दशमूल        –  ३००  मिलीग्राम

लाल चंदन    –  १०० मिलीग्राम

लोध्र            –  ५०० मिलीग्राम

विभीतकी – ५०  मिलीग्राम

आमला  – २०  मिलीग्राम

शतावरी – २००  मिलीग्राम

सोंठ – १००  मिलीग्राम

लोध्र – ५०० मिलीग्राम

दारुहरिद्रा – १००  मिलीग्राम

अश्वगंधा   – ४००  मिलीग्राम

सेवन विधि:

दिन में  दो बार भोजन के बाद १०-१५ मिली और १-२ टैबलेट दवा के साथ लें।

यह योनि की सफाई करता है और संक्रमण को दूर करता है।

ल्यूकोरिया से बचाव के लिए सुझाव

संतुलित आहार लें – हरी सब्जियाँ, ताजे फल, दालें और साबुत अनाज का सेवन करें।

शारीरिक स्वच्छता बनाए रखें – योनि की सफाई पर विशेष ध्यान दें।

जंक फूड और तैलीय भोजन से बचें – यह हार्मोनल असंतुलन को बढ़ा सकता है।

पर्याप्त पानी पिएं – शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने के लिए 8-10 गिलास पानी रोज़ पिएं।

व्यायाम करें – नियमित योग और प्राणायाम महिलाओं के हार्मोनल संतुलन को बनाए रखते हैं।

तनाव कम करें – मानसिक तनाव हार्मोनल असंतुलन पैदा कर सकता है, जिससे ल्यूकोरिया की समस्या बढ़ सकती है।

 

निष्कर्ष

आयुर्वेद में श्वेत प्रदर (ल्यूकोरिया) की समस्या को दूर करने के लिए कई प्रभावी औषधियाँ मौजूद हैं। अशोक छाल, दशमूल, लाल चंदन, अश्वगंधा, आंवला, शतावरी, सोंठ, मुस्ता, दारुहरिद्रा, लोध्र और विभीतकी जैसी जड़ी-बूटियां ल्यूकोरिया को ठीक करने और महिलाओं के संपूर्ण स्वास्थ्य को सुधारने में सहायक हैं।

यदि आपको ल्यूकोरिया की समस्या है, तो इन आयुर्वेदिक औषधियों को आजमाने से पहले किसी योग्य चिकित्सक से परामर्श अवश्य लें।

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