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श्री लिव डी एस सिरप – २०० मिली

Original price was: ₹160.00.Current price is: ₹145.00.

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Our Liver Tonic is a natural herbal supplement designed to support liver health and function. Formulated with potent antioxidants and natural ingredients, it helps detoxify the liver, promote digestion, and maintain overall liver health. Boost your liver’s performance and vitality with our effective Liver Tonic.

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श्री लिव डी एस एक स्ट्रांग लिवर टॉनिक है जो आपके लीवर को फिट करने में पूरी तरह सक्षम है फिर चाहे लीवर की कैसी भी समस्या हो आप इसके सेवन से बहुत जल्द अपनी लीवर और डाइजेशन से संबंधित  समस्या से छुटकारा पा सकते है|  यह पूर्णतया आयर्वेुर्वदिक एवं सुरक्षित है|    

 लीवर में कमी के कारण – लीवर में कमी आने के अनेक कारण हो सकते है हमारा अधिक ऑयली चीजें खाना ,भूख अधिक भोजन खाना, टाइम बेटाइम भोजन करना , अधिक गरम या भारी चीजों का लगातार सेवन करना जिससे हमारे लीवर को  अधिक काम पड़ता है और इस स्थिति में वह धीरे-धीरे ख़राब होने लगता है अधिक समय तक अगर ध्यान न दिया जाये तो लीवर में सूजन  आने लगती है और अधिक समय में ये सूजन आप के चेहरे और बॉडी में भी दिखाई पड़ती है| 

 

हम अपनी दिन चर्या ऐसी कर चकुे हैं कि ये समझना भी जरूरी नहीं समझते की हमें कब और क्या खाना चाहिए या नहीं जो हमारा मन कहता है तभी वह खातेहै विचार करना भी जरूरी नहीं समझते यही कारण हैही हम अपना शरीर स्वयं ही खराब कर लेते है और फिर  दवाओं का सहारा लेना पड़ता है

कुछ सामान्य लीवर की समस्याएं 

  • हेपेटाइटिस 
  • फैटी लिवर रोग 
  • ऑटोइम्यून स्थितियां 
  • आनुवंशिक स्थितियां 
  • कैंसर 
  • सिरोसिस 
  • लीवर फेलियर 

     

  • हेपेटाइटिस

     

    हेपेटाइटिस एक वायरल इन्फेक्शन है जो जिगर की समस्याओं को दर्शाता है। इसके कई प्रकार होते हैं, जैसे कि हेपेटाइटिस ए, बी, सी, डी, और इसके अन्य वेरिएंट्स। यह इन्फेक्शन आम तौर पर वायरस के संपर्क में आने से फैलता है, जैसे कि दिवसीय विचरण, अंतर्जाल या अस्वच्छ पानी के संपर्क में आने से। हेपेटाइटिस के कुछ प्रकार हल्के होते हैं, जबकि कुछ गंभीर होते हैं और लंबे समय तक चिकित्सा की आवश्यकता होती है।

    फैटी लिवर (Fatty Liver) से होने वाली समस्याएं इस प्रकार हैं:

    1. स्वस्थ जिगर की गुणवत्ता में कमी: फैटी लिवर के कारण जिगर की गुणवत्ता कम हो जाती है, जिससे यह समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
    2. अत्यधिक वसा संचयन: फैटी लिवर में अत्यधिक वसा संचयन होता है, जो किसी भी प्रकार की समस्याओं का कारण बन सकता है।
    3. पाचन क्षमता में कमी: फैटी लिवर के कारण पाचन क्षमता में कमी हो सकती है, जो विभिन्न पाचन संबंधित समस्याओं का कारण बन सकती है।
    4. साइरोसिस: फैटी लिवर के अगर समय रहते इलाज न किया जाए, तो यह साइरोसिस (जिगर का घटा हुआ रोग) का कारण बन सकता है।
    5. मधुमेह (डायबिटीज): फैटी लिवर के व्यक्ति को मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है, जोकि और भी समस्याओं का कारण बन सकता है।

    इसलिए, फैटी लिवर के इलाज और परहेज करना बहुत महत्वपूर्ण होता है ताकि इससे उत्पन्न होने वाली समस्याओं का समाधान किया जा सके।

     

  • लीवर का कार्य
    1. पाचन प्रक्रिया: लीवर पाचन प्रक्रिया के लिए महत्वपूर्ण है। यह आहार से पोषक तत्वों को अलग करता है और प्राकृतिक रूप से शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है।
    2. खराब तत्वों का निकालना: लिवर अवशोषण के माध्यम से शरीर में मौजूद नुकसानदायक तत्वों को निकालता है और शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
    3. ऊर्जा उत्पादन: लिवर ऊर्जा उत्पादन करता है जो शरीर की शक्ति और क्षमता को बनाए रखने में मदद करता है।
    4. रक्त शुद्धि: लिवर रक्त को शुद्ध करता है और विभिन्न अस्वस्थताओं से बचाव करता है।
    5. विषाक्त पदार्थों का अवशोषण: लिवर शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थों को अवशोषण करता है और शरीर को हानि से बचाता है।
    6. उपचार: लिवर अस्वस्थताओं जैसे कि जिगर के रोगों का उपचार करने में मदद करता है

सावधानी एवं समाधान मुख्यतः जब हमारे लीवर में समस्या हो उस समय हमें अपने खाने में विशेष ध्यान रखना चाहिए हमें चिकनाई या बाहर का खाना बिल्कुल बदं कर देना चाहिए पानी अधिक मात्रा में लेना चाहिए और हल्का भोजन खाना चाहिए जैसे दलिया खिचड़ी फल जूस  अगर आप कुछ दिनों तक ऐसा करते हैं तो आपका लीवर खुद  अपनआप को सही कर लेता है क्योंकि जब हम बीमार पड़ते है तो हमें रेस्ट की आवस्यकता होती है इसी प्रकार अगर आप लीवर से काम कम लेंगे पतला भोजन करेंगे तो जल्द लीवर सही हो जायेगा साथ आप श्री लिव डी एस का इस्तेमाल  करें आपको फिट करने में यह मुख्य  भूमिका  निभाएगा | 

सेवन विधि लिवर सिरप का सेवन हमें खाली पेट सुबह नाश्ते से आधे घंटे पहले १० से १५ मिली और रात को खाने से घंटे पहले नार्मल गर्म पानी के साथ लेना है से १० साल के बच्चों को ५ से ७ मि ली तक दे सकते| 

सिरप घटक { पर १० मि ली मात्रा

भुई आमला – ७५० मिलीग्राम 

काशनी – ३०० मिलीग्राम 

रक्त पुनर्नवा – ४५० मिलीग्राम 

गुडूची – ३०० मिलीग्राम – 

रोहितका – ३०० मिलीग्राम 

पित्तपापड़ा – २०० मिलीग्राम 

दारुहरिद्रा – २०० मिलीग्राम 

रेवंद चीनी – १५० मिलीग्राम 

शरपुंखा  – १२० मिलीग्राम 

हरीतकी – १५० मिलीग्राम 

चित्रक – १५० मिलीग्राम 

विडंग  – १५० मिलीग्राम 

कलापथ – १०० मिलीग्राम 

निशोथ – १०० मिलीग्राम 

कुटकी – १०० मिलीग्राम 

कालमेघ – १०० मिलीग्राम 

तलु सी – १०० मिलीग्राम 

नीम – १०० मिलीग्राम 

मकोय – ८० मिलीग्राम  

गोखरू – ७० मिलीग्राम 

आमला – ५० मिलीग्राम 

यष्टिमधु – ५० मिलीग्राम 

मजीठ – ५० मिलीग्राम 

अर्जुन  – ३५ मिलीग्राम 

बिरंजासीफ़ – २० मिलीग्राम

सौंफ – २० मिलीग्राम 

प्रेज़रवेटि व – q .s

सोडियम बेंजोएट – ०. ५ % 

कैरामेल कलर – ०. ५ % 

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