श्री कफ सिरप -१०० मिलीग्राम

श्री कफ सिरप शुद्ध आयुर्वेदिक दवा है जो सर्दी खाँसी जुकाम  के लिए अत्यधिक लाभकारी है किसी भी उम्र के लोग इसका सेवन कर सकते हैं यह बहोत जल्दी असर दिखाता है| और हर्बल  दवाई की ये खासियत होती है ये आपकी  जुकाम को सूखने नहीं देती बल्कि अगर आप इसे तरीके से इस्तेमाल  करते हैं तो आपको और कोई भी सर्दी की दवा की आवस्यकता नहीं पड़ती ४ से५ दिन में यह आपकी सर्दी खाँसी में पूरी तरह आराम दे सकता है|  आयुर्वेदिक श्री कफ सीरप मेंअनेक प्रकार की जड़ीबूटियों के प्रयोग से तैयार किया जाता  है | जो हमारे शरीर को जोश ( इम्यनिूनिटी ) को भी बढ़ाने का कार्य करती हैं जिससे हम अपनेआप को जल्दी और भी अच्छा महसूस  करते हैं अगर हम देखें तो अंग्रेजी  दवाओं के स्थान पर हम आयुर्वेदिक दवाओं का प्रयोग करते हे तो यह हमें किसी प्रकार का नुकसान न पहुंचाकर  बल्कि और बिमारियों से लड़ने की ताकत प्रदान करती हैं| तलुसी अदरक और गिलोय जैसे ( इम्यनिूनिटी ) पावर को बढ़ाने वाली जड़ीबूटियों का अच्छी मात्रा में प्रयोग होने की वजह से यह आपको  अधिक लाभ देने में सहायक है| सूखी  खांसी के लिए अगर आपको सूखी खांसी हो रही है तो आपको यह दवा सादे पानी के साथ इस्तेमाल  करना चाहिए जिससे आपको जल्द आराम मिलता है गले की समस्या जैसे सर्दी होने की वजह सेआपका गला जाम हो जाता है तो आप इश्क इस्तेमाल गुनगुने  पानी के साथ करें जल्द आराम मिलेगा अदरक मुलेठी  हमारे गले में जल्द काम करती है जिसका इस्तेमाल  इस दवा में अच्छी मात्रा में किया गया है|  बलगम अथवा कफ युक्त  खांसी के लिए – अगर आपको बलगम या कफ वाली खांसी है तो श्री कफ सिरप का सेवन गुनगुने पानी के साथ सही मात्रा में दिन में २ से ३ बार जरूरत  के अनुसार  करना चाहिए जिससे धीरे धीरे आपका कफ निकलना चालू हो जाएगा और आपको खांसी में भी आराम मिल जायेगा और आप अपने आप को अच्छा महसूस करेंगे|  बच्चों के लिए – यह दवा बच्चों के लिए पूरी तरह सुरक्षित है आप इसे छोटे बच्चों को भी दे सकते हैं जरूरत अनुसार  इसके प्रयोग से बच्चों में सुस्ती  नहीं रहेगी और जल्द ही सर्दी खांसी जुकाम  से बाहर निकल जाएंगे|  कोरोना वायरस के लि ए – हमनेवो दौर भी देखा हैजब कोरोना वायरस की वजह से लोग अत्यधि क परेशान थे और लोगों नेअपनी इम्युनिटी लेबल को बढ़ाने के लिए क्या कुछ नहीं इस्तेमाल  किया अगर आप देंखें तो श्री कफ सीरप में वो सब हे जो आपकी इम्युनिटी को बढ़ाने में मदद करेगा एक तरह काढ़े के रूप में इसे गरम पानी में चाय की तरह भी इसे इस्तेमाल किया जा सकता है|  प्रयोग वि धि – श्री कफ सीरप का प्रयोग बच्चों को २.५ मिलीग्राम से५ मि लीग्राम और बड़ेयानि अडल्ट को ५ मि लीग्राम से१० मिलीग्राम तक एक दिन में २ से ३ बार इस्तेमाल करें|  सिरप घटक – { पर १० मिली मात्रा }  वसा   – ५०० मिलीग्राम  कंटकारी – २५० मिलीग्राम  भृंगी  – २०० मिलीग्राम  अजवाइन – २०० मिलीग्राम  दुग्धी ( दग्धिुग्धिका)- ०. ५ मिलीग्राम  काकड़ा सिंघी  – २५० मि लीग्राम  चित्रक मूल – १०० मिलीग्राम  मुलेठी  – ३०० मिलीग्राम  जूफा  – ५० मिलीग्राम  गिलोय – १०० मिलीग्राम  तलु सी – ३०० मिलीग्राम  हल्दी – ५० मिलीग्राम  पुष्कर मूल  – १०० मिलीग्राम  पिपरमेंट – ०. ५ मिलीग्राम  शगु र – q .s  सोडियम बेंजोएट q s

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श्री लिव डी एस सिरप –  २०० मिली

श्री लिव डी एस एक स्ट्रांग लिवर टॉनिक है जो आपके लीवर को फिट करने में पूरी तरह सक्षम है फिर चाहे लीवर की कैसी भी समस्या हो आप इसके सेवन से बहुत जल्द अपनी लीवर और डाइजेशन से संबंधित  समस्या से छुटकारा पा सकते है|  यह पूर्णतया आयर्वेुर्वदिक एवं सुरक्षित है|      लीवर में कमी के कारण – लीवर में कमी आने के अनेक कारण हो सकते है हमारा अधिक ऑयली चीजें खाना ,भूख अधिक भोजन खाना, टाइम बेटाइम भोजन करना , अधिक गरम या भारी चीजों का लगातार सेवन करना जिससे हमारे लीवर को  अधिक काम पड़ता है और इस स्थिति में वह धीरे-धीरे ख़राब होने लगता है अधिक समय तक अगर ध्यान न दिया जाये तो लीवर में सूजन  आने लगती है और अधिक समय में ये सूजन आप के चेहरेऔर बॉडी में भी दिखाई पड़ती है|    हम अपनी दिनचर्या ऐसी कर चकुे हैं कि ये समझना भी जरूरी नहीं समझते की हमें कब और क्या खाना चाहिए या नहीं जो हमारा मन कहता है तभी वह खातेहै विचार करना भी जरूरी नहीं समझते यही कारण हैही हम अपना शरीर स्वयं ही खराब कर लेते हैऔर फिर  दवाओं का सहारा लेना पड़ता है   कुछ सामान्य लीवर की समस्याएं–  हेपेटाइटिस  फैटी लिवर रोग  ऑटोइम्यून स्थितियां  आनुवंशिक स्थितियां  कैंसर  सिरोसिस  लीवर फेलियर सावधानी एवं समाधान – मुख्यतः जब हमारे लीवर में समस्या हो उस समय हमें अपने खाने में विशेष ध्यान रखना चाहिए हमें चिकनाई या बाहर का खाना बिल्कुल बदं कर देना चाहिए पानी अधिक मात्रा में लेना चाहिए और हल्का भोजन खाना चाहिए जैसे दलिया खिचड़ी फल जूस  अगर आप कुछ दिनों तक ऐसा करते हैं तो आपका लीवर खुद  अपनआप को सही कर लेता है क्योंकि जब हम बीमार पड़ते है तो हमें रेस्ट की आवस्यकता होती है इसी प्रकार अगर आप लीवर से काम कम लेंगे पतला भोजन करेंगे तो जल्द लीवर सही हो जायेगा साथ आप श्री लि व डी एस का इस्तेमाल  करेंआपको फिट करने में यह मुख्या  भूमिका  निभाएगा |  सेवन विधि – लिवर सिरप का सेवन हमें खाली पेट सुबह नाश्ते से आधे घंटे पहले १० से १५ मिली और रात को खाने से घंटे पहले नार्मल गर्म पानी के साथ लेना है से १० साल के बच्चों को ५ से ७ मि ली तक दे सकते|  सिरप घटक – { पर १० मि ली मात्रा }  भुई आमला – ७५० मिलीग्राम  काशनी – ३०० मिलीग्राम  रक्त पुनर्नवा – ४५० मिलीग्राम  गुडूची – ३०० मिलीग्राम –  रोहितका – ३०० मिलीग्राम  पित्तपापड़ा – २०० मिलीग्राम  दारुहरिद्रा – २०० मिलीग्राम  रेवंद चीनी – १५० मिलीग्राम  शरपुंखा  – १२० मिलीग्राम  हरीतकी – १५० मिलीग्राम  चित्रक – १५० मिलीग्राम  विडंग  – १५० मिलीग्राम  कलापथ – १०० मिलीग्राम  निशोथ – १०० मिलीग्राम  कुटकी – १०० मिलीग्राम  कालमेघ – १०० मिलीग्राम  तलु सी – १०० मिलीग्राम  नीम – १०० मिलीग्राम  मकोय – ८० मिलीग्राम   गोखरू – ७० मिलीग्राम  आमला – ५० मिलीग्राम  यष्टिमधु – ५० मिलीग्राम  मजीठ – ५० मिलीग्राम  अर्जुन  – ३५ मिलीग्राम  बिरंजासीफ़ – २० मिलीग्राम सौंफ – २० मिलीग्राम  प्रेज़रवेटि व – q .s सोडियम बेंजोएट – ०. ५ %  कैरामेल कलर – ०. ५ %  ५ % 

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श्री स्टोन सिरप – { १०० मिली & २००मिली }

श्री स्टोन सिरप गुर्दे में होने वाली पथरी में कारगर दवा के रूप में काम करती है यह सिरप पेशाब की जलन को खत्म करती  है पेशाब में होने वाली किसी भी प्रकार की समस्या में बहुत  ही असरदार है[URINE INFECTION ] पेशाब की बीमारी के लिए यह पूरी तरह से फायदेमंद आयुर्वेदिक है | जल्द काम करने वाली दवा के रूप में उपलब्ध है पथरी की समस्या के निवारण मे बहुत  ही असरदार है गुर्दे की कितनी भी बड़ी स्टोन हो उसे धीरे-धीरे काटकर निकालने का काम करती है इसे लेने से पेशाब का दबाओ अधिक हो जाता है जिसकी वजह से पथरी को निकालने में आसानी रहती है |  गुर्दे की पथरी (किडनी स्टोन) को नेफ्रोलिथियासिस, रीनल कैलकुलस या यरूोलिथियासिसके रूप में भी जाना जाता है, यह कठोर होती है जो मूत्र में पाए जाने वाले साल्ट और मिनरल्स जैसे  रसायनों से बनी होती है। किडनी स्टोन होना काफी आम है और नेशनल किडनी फाउंडेशन के अनुसार ,वैश्विक  आबादी के आधे मिलियन से अधिक लोगों को इस समस्या के समाधान के लिए हर साल इमरजेंसी रूम में जाना पड़ता है दवा शुरू करने के थोड़े समय में पथरी के दर्द मेंआराम होने लगता है जैसे जैसे पथरी कटती है हल्का दर्द महसूस  होता है यह आम बात है इसमें परेशां होने की बात नहीं हैअधिक  पानी का सेवन करें जिससे पानी के दबाओ से उसी के साथ पथरी के कण आराम से निकल सकें |  सावधानी –  दवा के साथ हमें कुछ सावधानी भी रखनी पड़ती हैअधिक मसालेदार भोजन का प्रयोग न करें दवा हमेसा खाना खाने के १ घंटे पहले लें जिससे दवा अपना पूरा काम जल्दी कर सके बीजदार फल और सब्जी का सेवन न करें अधिक से अधिक द्रवित भोजन का प्रयोग करें  खाली पेट अधिक से अधिक पानी पियें दिन में भी कई बार पानी का सेवन करें जरूरत से अधिक दवा की मात्रा एक साथ न लें एक निश्चित मात्रा में दवा लें कई बार एक साथ अधिक दवा लेने से पथरी खिसक कर पेशाब की नली में फंसने का खतरा रहता है इसलिए ये ध्यान रखें|  सेवन विधि – इस दवा का सेवन सुबह शाम खाली पेट १० से १५ मि ली ताजे पानी के साथ ही लेना है |  सिरप घटक – {पर १०० मिली मात्रा }  वरुण छाल – २० ग्राम  पुनर्नवा  – २० ग्राम  कुल्थी – २० ग्राम  पाषाणभेद – २० ग्राम  गोखरू – २० ग्राम  दशमूल  – २० ग्राम  पलाश – १० ग्राम  चादि ला – १० ग्राम  मकोय – १० ग्राम  काकरी – १० ग्राम  काला नमक -१० ग्राम  शजजीक्शार – १० ग्राम  मूली छार  – १० ग्राम श्वेत परपति  – १० ग्राम  सोडियम बेंजोएट -०.५ % 

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गिलोय रस – ५०० मिली with { पपीता ,आमला  और पंच तुलसी  } 

गिलोय एक इम्युनिटी का  बहुत अच्छा स्रोत है जो हमारे शरीर को बीमारि यों से लड़ने की छमता प्रदान करती है और यह एक {एंटी ऑक्सीडेंट } के स्वरूप मेंभी पाया गया है शरीर में होने वाली अनेक प्रकार की कमियों को पूरी करने में सहायक पाया जाता हैजैसे बहोत लम्बे समय से रहने वाला बुखार  जो हड्डियों में बसने वाला बुखार के नाम से जाना जाता है ऐसे में गिलोय का सेवन अत्यधिक लाभ प्रदान करता है|  पपीता हमारे पाचन तंत्र को ठीक करता और बुखार  के वजह से जो प्लेटलेट्स में कमी आती है उसे बढ़ाने का काम करता है | साथ मेंअमला हमारे हाजमे के लिए और कैल्सियम की पूर्ति  करता हैअमला को आयुर्वेद का वरदान कहा गया हैऔर तलुसी एक अपनेआप में एंटी ऐलर्जिक औषधि हैऔर इम्युनिटी  पावर को बढाती है गिलोय रस का सेवन कोई भी कर सकता है | खनू को साफ़ करनेऔर नए खनू को बनाने में सहायक है जैसे कि त्वचा की ऐलर्जी फोड़े फुंसी शरीर में खुजली  का होना आदि अनेक प्रकार की समस्या को होने से रोकता  है|  शरीर में रहने वाली खुमारी  टी. बी जैसी  बीमारी में लाभदायक है मौसम के बदलाव में होनेवाली बीमारियों को होने से रोकता हैऔर हमें स्वस्थ रखता है इसका एक नाम अमतृ बली भी हैऔषधियों में इसका बहोत बड़ा उपयोग है और आसानी सेउपलब्ध है श्री नमो गिलोय रस को आप किसी भी मौसम में ले सकते है यह दवा आपके लिए पूर्णतया  सुरक्छित  है और आसानी सेऑनलाइन उपलब्ध है|    शुगर  के रोगियों को भी गिलोय के सेवन सेअच्छा फायदा मिलता है यह शगुर को कंट्रोल करने में जोड़ों के दर्द में भी बहुत अच्छा काम करता है| लगातार बने रहने वाले नजले में भी इसका इश्तेमाल  करना फायदेमदं रहता है अगर आप इस दवा का सेवन लगातार करते है तो आप कभी बीमार ही नहीं होंगे एक स्वस्थ जीवन पाएंगे |  अनेक फायदे- * पेट की चर्बी * पुराना कब्ज़ * एनीमिया * एसिडिटी * बवासीर *बांझपन दूर * यूरिन  इन्फ़ेक्सन * शुगर * मलेरिया * डेंगू का इलाज *सफेद दाग *अपच की समस्या * जोड़ो का दर्द * ब्लड प्रेशर * अस्थमा * कैंसर का इलाज आदि  सेवन विधि – गिलोय सुबह शाम खाली पेट 15 से 20 मि ली ताजे पानी के साथ सेवन करना चाहिए इसके आधे घंटे बाद ही कुछ खाएं |  मुख्य घटक  – { पर १० मि ली मात्रा }  गिलोय – १५०० मिलीग्राम  पपीता – ६०० मिलीग्राम  तुलसी – २०० मिलीग्राम  आमला – २०० मिलीग्राम 

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त्रि फला रस – {५०० मि ली with एलोवेरा और अश्वगंधा }

त्रिफला रस हमारे पेट में होने वाली सभी समस्याओं को समाप्त करके डाइजेशन को सुचारू  रूप से चलने में योगदान करती है | जैसे गैस , कब्ज़  एसिडिटी , भारीपन , खट्टी डकार का आना , पेट परूी तरह साफ़ न होना पेट में भारीपन रहना जैसी अनेक समस्याओं में बहुत ही फायदेमंद रहता है हमारे बिगड़े हुए  खानपान की वजह से जो पेट मेंअनेको प्रकार की समस्या हो जाती है| त्रिफला के सेवन से शगुर के रोगियों का पेट साफ़ रहता है जिससे उनका शगुर कंट्रोल करने में भी यह सहायक के रूप के कार्य करता है पाचन तंत्र को मजबूत  बनाता  है अमला हमारे कैल्सियम लेबल को मेन्टेन करता है इसके उपयोग से हमारे पेट में फालतू चर्बी नहीं बढ़ पाती इस प्रकार यह फैट को भी कंट्रोल करता है| बढ़ती आयु में अनेक रोगों का जन्म होता है जिसका कारण हमारा खानपान और पेट का सही न रहना है अगर हमारा खान पान और पेट का सिस्टम सही है तो हम उन सभी संभावित  समस्याओं से बच सकते है और निरोगी जीवन जी सकते है इसलिए बढ़ती उम्र के साथ श्री नमो त्रिफला रस का सेवन करेंऔर स्वस्थ जीवन जियें | इस दवा के नियमित प्रयोग सेआपके आँखों की रौशनी बढ़ेगी बालों का टूटना बदं होगा हार्ट की बीमारी सेआपको बचाएगा ब्लड प्रेसर को सामान्य रखेगा नशीले प्रदार्थो के दुस्प्रभाओं से बचाव  करता है अस्वगंधा  बल प्रदान करता है और हमें स्वस्थ रखता है|   त्रिफला का रस पीने से क्या फायदा होता है?  त्रिफला के फायदे–  कब्ज दूर करने में सहायक  पेट में गैस की समस्या (एसिडिटी) से राहत  आंखों के लिए फायदेमंद  वजन घटाने और मोटापा कम करने में सहायक  पाचन शक्ति बढ़ाता है  बालों का झड़ना रोकता है  भखू बढ़ाता है  मत्रू संबंधी समस्याओं में लाभकारी  सेवन विधि – त्रिफला का सेवन दिन में दो बार सबु ह शाम खाली पेट या खाने के आधे घंटे  बाद आधे कप पानी में १५ से २० मि ली लेसकतेहै  मुख्य घटक  – { पर २० मिली मात्रा }  अमला – ३ ग्राम  बहेड़ा – ३ ग्राम हरड़ –   ३ ग्राम  एलोवेरा -1 ग्राम  अश्वगंधा  – १ ग्राम  काला नमक – १  ग्राम

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करेला जामुन रस with [नीम और गूलर  ] – { ५०० मि . ली. }

यह दवा हमारे शरीर में बढ़ी हुई मधुमेह  [शगुर]  की मात्रा को कन्ट्रोल करती हैजि न लोगो का शुगर बहोत बढ़ा हुआ रहता है जिसकी वजह से उन्हें अनेक प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है जैसे कि वजन अचानक कम होना अधिक प्यास का लगना भूंख का अधिक बढ़ना , पेशाब में महक आना , दि खाई देना ,और थकान मह्शशू होना शरीर मेंसस्ुती रहना | इसके अलावा महंु मेंदर्द इन्फेक्शन जसै ी परेशानि यां होनेलगती हैं|  अगर आपका शगु र लेवल २०० मिलीग्राम / डीएल सेअधिक ब्लड शगु र है तो इसे डायबिटीज माना जाता है और इस कंडीशन में हमें अपने जीवन शैली  में बदलाव के साथ दवाओं की आवश्यकता होती है| यहाँपर आपको अपनेखानेका समय और खायेजानेवालेभोजन या पदार्थ पर वि चार कर एक चार्ट बनाने की आवश्यकता हैसाथ ही आयर्वेु र्वेदि क दवा करेला जामनु का सेवन शरूु कर देयह आपके शरीर मेंशगु र को बढ़नेसे रोकेगा खनू को साफ करेगा डाइजेशन को सही रखेगा सरीर में नए खून  को बनने में सहायता करता है|  इसके सेवन से आंतों में होने वाली खुश्की समाप्त हो जाएगी गैस की समस्या को दूर करेगा इसमें गूलर  के होने की वजह से शुगर के मरीजों में होने वाली शुगर की  समस्या में भी आराम मिलता है| अधिकतर देखा जाता है जिसे शुगर  की प्रॉब्लम होती है उनका सेक्सुअल  लेवल डाउन हो जाता है इस कंडीशन में अगर आप हमारे प्रोडक्ट का सेवन रेगुलर करते है तो आपको यह समस्या नहीं होगी आप सामान्य लोगों की तरह जीवन जिससे  आपको कमी नहीं महसूस होगी |  अगर आप इन्सुलिन भी ले रहे हैं तो भी कुछ समय तक लगातार श्री नमो हेल्थ केयर करेला जामुन के प्रयोग से आपका इन्सुलिन भी बंद किया जा सकता है आप इससे छुटकारा पा सकते हैं|  सावधानियां – हमेंअपनेशगु र लेवल को कंट्रोल मेंरखने के लि ए कुछ चीजों को अपनेखानेमेंनहींलेना चाहिए  आलू, सफेद ब्रेड , चावल , चीनी ,पास्ता , आदि अनेक शगुर वाली चीजों को हमें छोड़ना होगा |  सेवन विधि – यह दवा १५-२० मि ली खाने के लगभग ३० मिनट पहले खाली पेट आधा कप ताजे पानी के साथ सबु ह – शाम दिन में दो बार नियमित लेना है|  घटक – { पर २० मि ली मात्रा }  करेला – ५ ग्राम  जामुन – ६ ग्राम  नीम – ३ ग्राम  गलू र – ३ ग्राम

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उदरामृत रस {५०० मि . ली. शुगर  फ़्री }

उदर विकार के सामान्य कारण निम्नलिखित उदर विकार के सबसे सामान्य कारण हैं मूत्र पथ में बैक्टीरिया संक्रमण मूत्राशय की संक्रमण मूत्रवाहक और गुर्दे के बीच आसामान्य  संबंध रेट्रोपेरिटोनियल फाइब्रोसिस ureteral पत्थर गंभीर कब्ज उदर विकार के अन्य कारण उदर विकार के कम सामान्य कारण निम्नलिखित हैं कैंसर ट्यूमर गैर कैंसरग्रस्त ट्यूमर आंतरिक ऊतक वृद्धि मूत्रवाहक की दीवार के दीर्घकालिक सूजन उदर विकार के जोखिम कारक निम्नलिखित कारकों में उदर विकार की संभावना बढ़ सकती है: महिला शरीर रचना जन्म नियंत्रण की गोलियां उपयोग करें रजोनिवृत्ति मूत्र पथ असामान्यताएं मूत्र पथ में रुकावटें कैथेटर का इस्तेमाल   उदर विकार से निवारण उदरामतृ रस एक पर्णू रूप  से शगुर फ्री हाजमा ,गैस , एसि डि टी ,बदहजमी की समस्या को दूर  कर हमारे पेट को फिट रखता है बदहजमी के कारण कभी कभी खट्टी डकार या खट्टा पानी की शिकायत हमें हो जाती हैऔर पेट में जलन की समस्या भी हमें उठानी पड़ती है ऐसे में अगर आप श्री नमो हेल्थ केयर का उदरामतृ रस का सेवन ताजा पानी के साथ करते है तो आपको बहोत ही जल्द इन सभी परेशानियों सेआराम मिलेगा |     यह दवा हमारे हाजमे के सिस्टम को ठीक करती है जिससे पेट का भारीपन भूंख  कम लगना पेट न साफ़ होना जैसी  समस्या समाप्त हो जाती हैऔर हम अपनेआपको काफी हल्का महससू करते है |  जिससे हमारे सरीर में फुर्ती का एहसास भी महससू होता  है | कई बार हम  खाना भी नहीं अधिक खा पाते पेट हमेशा भरा सा महससू होता है या फिर गैस अधिक बनने की वजह से घबराहट या जी मिचलाना चक्कर आना जैसी  परेशानी का भी सामना करना पड़ता है|  अगर आपको इन सभी में से किसी तरह की परेशानी होती है तो उदरामृत रस को १५-२० मि . ली. ताजे पानी से लें  यह दवा आपको जल्द ही आराम दिलाएगी  आपके हाजमे के सिस्टम को ठीक करेगी गैस की समस्या से राहत  दिलाएगी पाचन क्रिया को सुचारू  करेगी |  यह दवा हमारेघर में इस्तेमाल होने वाले मसालों तथा जड़ी बूटियों  का इस्तेमाल   करके तैयार  की गयी है यह हमारे पेट के लिए अम्रित का काम करती है और हमारे इम्युनिटी  सिस्टम को भी बढाती हैऔर हमें फि ट बनाती है|  सेवन विधि –  इस दवा को १०-२० मि . ली. आधा कप ताजा पानी के साथ खाना खाने के ३० मिनट के बाद सबु ह शाम दिन में दो बार लेना चाहिए जिससे ये अपना काम सही तरीके से कर सके |  घटक – { पर १० मि . ली. मात्रा }  अजवाइन – १५० मि . ली. ग्राम  सोंठ – १८० मि . ली. ग्राम  आमला – २५० मि . ली. ग्राम  तलु सी – १२० मि . ली. ग्राम  सेंधा  नमक -२० मि . ली. ग्राम  हींग – २०० मि . ली. ग्राम  भूमि अमला – १०० मि . ली. ग्राम  धनिया – १५० मि . ली. ग्राम  तेज  पत्ता – १०० मि . ली. ग्राम   

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पाइलो क्लियर रस – {५०० मिली with ३० कैप्सूल }

पाइलो क्लि यर एक आयर्वेु र्वेदि क दवा है जो बवासीर [पाइल्स ] में बहुत अच्छा काम करती हैफि र चाहेवो मस्सेकी समस्या हो जो की बादी की वजह सेसजू न आ जानेसेब्लीडि गं की समस्या का सामना करना पड़ता हैऔर अधि क दर्द भी सहन करना पड़ता हैअगर आप पाइलो क्लि यर का सेवन करतेहैतो आप इस समस्या सेरहत पाएंगे|  यह पकै शगु र फ्री दवा हैऔर ३० कैप्सलू फ्री हैजि सका सेवन दवा के साथ करना हैयह पेट मेंबनी परुानी सेपरुानी कब्ज़ को समाप्त करके आपके पेट को साफ़ रखता हैजि ससेमस्सेमेंहोनेवाली सजू न समाप्त हो जाती है  और खजु ली भी ख़त्म हो जाती हैतथा दर्द सेराहत मि लती है|  गदुा मेंहोनेवाली जलन को समाप्त करके मस्से को सुखाने का काम करता हैइश्के अलावा बढी हुई  चर्बी को को कम करता है| अगर हम देखेंतो पेट सेही सारी बीमारि यों का जन्म होता हैअगर हमारा पेट साफ़ रहता हैतो न ही कब्ज़ बनेगी न पाईल्स का जन्म होगा |  सावधानी –  हमें बवासीर से बचाव के लिए अपने खानपान के तरीके और समय को सही करना होगा सबसे पहला उपाय है कि हम खाली पेट कम सेकम ४ गिलास पानी पियें वो भी  गुनगुना  जो कि आपके पेट से लेकर पूरे शरीर के लिए चमत्कारी काम करेगा | खाने का टाइम निर्धारित करें और समय पर खाना खाएं | [LIQUID ] नशीले पदार्थों का सेवन अधिक करें तले मसाले आपके लिए बहुत हानिकारक है इनको बिल्कुल बंद कर दें| घटक– { पर १०० मि ली सामग्री }  भुइँ  अमला – २० ग्राम पुनर्नवा  – २० ग्राम सरून – २० ग्राम महानेब – २० ग्राम नागरमोथा – १० ग्राम कुकरौंधा – १० ग्राम अमलतास – १० ग्राम नागकेसर – १० ग्राम रसौंठ – १० ग्राम श्वेत चन्दन – १० ग्राम बहेड़ा – १० ग्राम हरड़ बड़ी – १० ग्राम अमला – १० ग्राम करंज – १० ग्राम

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श्री स्टोन कॉम्बो पैक – { २ x ३०० सीरप & फ्री ३० कैप्सूल }

श्री स्टोन सिरप गुर्दे में होने वाली पथरी में कारगर दवा के रूप में काम करती है यह सिरप कैप्सूल के साथ लेने से और भी जल्दी काम करता है पेशाब की जलन को खत्म करता है पेशाब में होने वाली किसी भी प्रकार की समस्या के लिए यह बहुत ही असरदार है[URINE INFECTION ] पेशाब की बीमारी के लिए यह पूरी तरह से फायदेमंद ayurvedic जल्द काम करने वाली दवा के रूप में उपलब्ध है  पथरी की समस्या के निवारण में ही असरदार है गुर्दे की कितनी भी बड़ी स्टोन हो उसे रे-धीरे काटकर निकालने का काम करती है साथ कैप्सलू के लेने से पेशाब का दबाओ अधिक हो जाता है जिसकी वजह से पथरी को निकलने मेंआसानी रहती है|  दवा शरूु करनेके थोड़ेसमय मेंपथरी के दर्द मेंआराम होनेलगता है जैसे -जैसे   पथरी कटती है हल्का दर्द महससू होता है यह आम बात है इसमें परेशां होने की बात नहीं है अधिक पानी का सेवन करेंजि ससेपानी के दबाओ से उसीके साथ पथरी के कडं आराम सेनि कल सकें |   सावधानी –  दवा के साथ हमें कुछ सावधानी भी रखनी पड़ती हैअधिक मसालेदार भोजन का प्रयोग न करें दवा हमेसा खाना खाने के १ घंटे पहले लें जिससे दवा अपना पूरा काम जल्दी कर सके बीज दार फल और सब्जी का सेवन न करेंअधिक से अधिक द्रवित भोजन का प्रयोग करें सुबह  खाली पेट अधिक सेअधिक पानी पियें दिन में भी कई बार पानी का सेवन करें जरूरत से अधिक दवा की मात्रा एक साथ न लें एक निश्चित मात्रा में दवा लें कई बार एक साथ अधिक दवा लेने से पथरी खिसक कर पेशाब की नली में फंसने का खतरा रहता है इस लिए ये ध्यान रखें| सेवन वि धि – इस पकै में २ बोतल हैजिसमे एक ख़तम होने के बाद दूसरी  खोलें साथ में कैप्सूल १ सुबह  १ समको सीरप के साथ ही लेना है दवा को खाना से ३० मिनट पहलेयानी खाली पेट लेना है १० -१५ मि  ली ली सबुह – शाम  सिरप घटक – { पर १०० मि ली मात्रा }  वरुण छाल – २० ग्राम  पुनर्नवा  – २० ग्राम  कुल्थी – २० ग्राम  पाषाणभेद – २० ग्राम  गोखरू – २० ग्राम  दशमूल – २० ग्राम  पलाश – १० ग्राम  चादि ला – १० ग्राम  मकोय – १० ग्राम  काकरी – १० ग्राम  काला नमक -१० ग्राम  शजजीक्शार – १० ग्राम  मूली छार – १० ग्राम  श्वेत पर्पटी – १० ग्राम  सोडियम बेंजोएट -०.५ %  घटक – पर कैप्सूल     मात्रा  कुलत्थ – २०० मिलीग्राम  पाषाणभेद – १५० मि ली ग्राम  अपामार्ग क्षार – १०० मिली ग्राम  गोखरू – १५० मि ली ग्राम  पुनर्नवा  – १५० मि ली ग्राम  मजीठ – १०० मिली ग्राम  वरुणा – १०० मिली ग्राम 

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फाइब्रॉइड क्या होता है?

महिलाओ के गर्भाशय मे होने वाली गाँठ को फाइब्रॉइड कहते है इसका साइज छोटा या बड़ा दोनों तरह का हो सकता है|  फाइब्रॉइड के लक्षण? बहुत ज्यादा मासिक धर्म रक्तस्राव होना  कब्ज  पीठ दर्द या पेट में दर्द  मूत्राशय खाली करने में कठिनाई  बार बार पेशाब आना    फाइब्रॉइड कितने प्रकार का होता है सब्सिरोसल  फाइब्रॉइड  इंट्रामुरल फाइब्रॉइड  सबम्यूकोसल फाइब्रॉइड  इंट्राकावितेरी फाइब्रॉइड  पेडन्कुलेटेड फाइब्रॉइड    इससे कैसे छुटकारा पाये? फाइब्रॉइड से छुटकारा पाने के लिए हमारा एक प्रॉडक्ट आता है जिसका नाम फाइब्रो क्लियर कॉम्बो है इसका इस्तेमाल करे यह फाइब्रॉइड में बहुत फायदेमंद है इससे फाइब्रॉइड से छुटकारा मिल जायेगा|  फाइब्रो क्लियर कॉम्बो पैक { ५०० मिली + ५०० मिली पैक } फाइब्रो क्लियर एक आयुर्वेदिक दवा है  जो महिलाओं  में होने वाली फाइब्रॉइड की बीमारी में काम आती है  यह दवाई सामान्य तरीके से काम करती है और बिना किसी अंग्रेजी दवा के भी आप किसी भी साइज की  फाइब्रॉइड अथवा [रसोली ] चाहे वो  नली [ट्यूब] में हो या बच्चेदानी [यूट्रस ] में हो |    यह दवा ट्यूब में या यूट्रस में होने वाली पी.सी.ओ.डी  की समस्या को भी पूरी तरह से समाप्त करती है   महिलाओं के यूट्रस में जो गांठ या छोटे छोटे गुच्छे हो जाते है | वह पानी के हो या मांस के हो दोनों ही प्रकार  की  समस्या  में यह पूरी तरह से काम करती है |  यह दवा  पूरी तरह गलाकर  बाहर निकाल देती  है | यह दवा शरीर के अंदर की सूजन को पूरी तरह समाप्त करती है सूजन की वजह से होने वाली समस्या से  आपको राहत दिलाती है    इसके सेवन से आपकी पेट की बढ़ी हुई चर्बी  पर भी बहुत असर पड़ता हे  आपको महसूस होगा की अब  आपका पेट काफी कम और हल्का लग रहा है  यह लोगों का अनुभव है  जो हम आपको बताना उचित समझते  है आप जब इसे इस्तेमाल करेंगे तो खुद महसूस करेंगे    यह दवा पूरी तरह आयुर्वेदिक है और सुरक्षित भी है  सेवन विधि –  इस पैक में २ बोतल है जिसमे फाइब्रो क्लियर को खाना से ३० मिनट  पहले यानी खाली पेट लेना है १५-२० मिली ली.। और दूसरी अशोका एफ  को खाना खाने के १५ मिनट बाद लेना है | 

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